गणेश चतुर्थी की तैयारियों ने पकड़ी रफ्तार, बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की बिक्री जोर-शोर से जारी, ₹101 से ₹31,000 तक की प्रतिमाएँ उपलब्ध

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। आगामी 7 सितंबर को गणेश चतुर्थी का शुभ पर्व मनाया जाएगा, और इसके साथ ही बिलासपुर शहर में इस पर्व को लेकर तैयारियों का दौर शुरू हो चुका है। हर साल की तरह इस बार भी शहर में भगवान गणेश की प्रतिमाओं की खरीदारी जोर पकड़ चुकी है। धार्मिक श्रद्धा और उत्साह से ओतप्रोत लोग अपनी-अपनी पसंद और बजट के अनुसार गणेश प्रतिमाओं की खरीदारी में जुट गए हैं। बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की बिक्री ने रफ़्तार पकड़ ली है, और इस बार प्रतिमाओं की कीमतें 101 रुपये से लेकर 31,000 रुपये तक जा रही हैं।

बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की धूम
शहर के प्रमुख बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की दुकानों पर रौनक बढ़ गई है। छोटे-छोटे घरों से लेकर बड़े-बड़े मंडलों तक के लिए विभिन्न आकार और डिज़ाइन में प्रतिमाएँ उपलब्ध हैं। मिट्टी, धातु और लकड़ी से बनी ये प्रतिमाएँ भक्तों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। छोटे आकार की मूर्तियाँ, जो सामान्यत: घरों में पूजा के लिए ली जाती हैं, उनकी कीमतें 101 रुपये से शुरू हो रही हैं। वहीं, बड़ी और भव्य प्रतिमाएँ, जो बड़े पंडालों और सार्वजनिक स्थानों पर स्थापित की जाती हैं, उनकी कीमत 31,000 रुपये तक जा रही है।
इस बार के गणेश चतुर्थी पर्व के लिए बाजारों में विशेष रूप से हस्तनिर्मित प्रतिमाओं की मांग बढ़ी है। स्थानीय कारीगरों ने इस मांग को ध्यान में रखते हुए विभिन्न प्रकार के डिज़ाइनों में प्रतिमाएँ तैयार की हैं। कुछ प्रतिमाओं में पारंपरिक शैली का समावेश किया गया है, तो कुछ में आधुनिकता की झलक मिलती है। इसके साथ ही, पर्यावरण संरक्षण के मद्देनजर मिट्टी से बनी गणेश प्रतिमाओं की मांग भी बढ़ी है, जो विसर्जन के बाद पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचातीं।

गणेश उत्सव समितियों की सक्रियता
बाजारों में गणेश प्रतिमाओं की बिक्री के साथ-साथ गणेश उत्सव समितियों ने भी अपनी तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। शहर की विभिन्न समितियों द्वारा चंदा इकट्ठा करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। इस कार्य में समिति के सदस्य पूरी तरह सक्रिय हो चुके हैं। ये सदस्य घर-घर जाकर, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों से चंदा जुटा रहे हैं। इस चंदे का उपयोग गणेश प्रतिमा की स्थापना, पूजा-अर्चना, और उत्सव के दौरान होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन में किया जाएगा।
चंदा इकट्ठा करने वाली इन टोलियों में युवाओं की भागीदारी विशेष रूप से देखी जा रही है। ये युवा सदस्य घर-घर जाकर लोगों से चंदा मांगते हैं और गणेश उत्सव को धूमधाम से मनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित करते हैं। कुछ समितियों ने चंदा संग्रह के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस पुण्य कार्य में सहयोग कर सकें।

आकर्षक पंडालों की सजावट और सुरक्षा प्रबंध
गणेश चतुर्थी के अवसर पर भगवान गणेश की प्रतिमाओं की स्थापना के लिए शहर में विभिन्न स्थानों पर भव्य और आकर्षक पंडाल बनाए जा रहे हैं। इन पंडालों की सजावट में विशेष रूप से ध्यान दिया गया है। हर साल की तरह इस बार भी पंडालों को थीम पर आधारित सजावट से सजाया जा रहा है। किसी पंडाल में प्राकृतिक दृश्य उकेरे जा रहे हैं, तो कहीं पौराणिक कथाओं पर आधारित सजावट की जा रही है। पंडालों में लगाए गए बिजली की रोशनी के विशेष इंतजाम भी लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
इन पंडालों में गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। सुबह-शाम भक्तों के लिए विशेष आरती, भजन-कीर्तन और प्रवचन का आयोजन होगा। इसके साथ ही, सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नृत्य, संगीत और नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी, जिसमें स्थानीय कलाकार भाग लेंगे। ये कार्यक्रम न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होंगे, बल्कि समाज के सांस्कृतिक जीवन को भी समृद्ध करेंगे।
गणेश चतुर्थी के दौरान शहर में बढ़ती भीड़ और यातायात को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं। पुलिस बल को तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। पंडालों के भीतर और आसपास आपातकालीन सेवाओं के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं।

व्यापारियों की खुशी और ग्राहक संतुष्टि
गणेश चतुर्थी के अवसर पर शहर के व्यापारियों में भी खासा उत्साह देखा जा रहा है। प्रतिमाओं के साथ-साथ पूजा सामग्री, सजावट के सामान, फूल, मिठाइयाँ और अन्य वस्त्रों की भी बिक्री में वृद्धि देखी जा रही है। व्यापारियों का कहना है कि इस साल कोरोना महामारी के बाद पहली बार बाजारों में इतनी भीड़ देखने को मिल रही है। लोग पूरे जोश और उत्साह के साथ गणेश चतुर्थी की तैयारियाँ कर रहे हैं, जिससे व्यापारियों की बिक्री में वृद्धि हो रही है।
उपभोक्ताओं ने भी बाजार में उपलब्ध सामान और सेवाओं से संतुष्टि जाहिर की है। खासकर, वे लोग जो अपने घरों में गणेश प्रतिमा की स्थापना करते हैं, वे बाजार में उपलब्ध छोटे आकार की प्रतिमाओं और पूजा सामग्री से खुश हैं। उन्हें अपनी पसंद और बजट के अनुसार सब कुछ आसानी से उपलब्ध हो रहा है। बड़े पंडालों और समितियों के आयोजक भी बाजार की व्यवस्था से संतुष्ट हैं और वे अपने आयोजन की तैयारियों में जुट गए हैं।

गणेश चतुर्थी की बढ़ती लोकप्रियता
बिलासपुर में गणेश चतुर्थी का यह पर्व हर साल बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल की तैयारियों में एक अलग ही जोश और उमंग देखने को मिल रही है। शहर में गणेश प्रतिमाओं की बिक्री से लेकर पंडालों की सजावट और चंदा संग्रह तक, हर जगह इस पर्व की लोकप्रियता स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। गणेश चतुर्थी न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज को एकजुट करने का भी एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
शहर के लोगों का उत्साह और भगवान गणेश के प्रति उनकी श्रद्धा इस बात का संकेत है कि इस साल का गणेश उत्सव और भी भव्य और यादगार होगा। चाहे वह कारीगर हों, व्यापारी हों, या फिर समितियों के सदस्य, सभी इस पर्व को सफल बनाने में अपना योगदान दे रहे हैं। शहर के कोने-कोने में गणेश चतुर्थी की तैयारियों का उत्साह महसूस किया जा सकता है, जो आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगा।