
डॉक्टरों ने बताया: समय रहते उपचार न मिला तो खतरा था जीवनभर अंधत्व का

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। 20 दिन की मासूम बच्ची की जन्मजात जुड़ी पलकें सिम्स में सफल ऑपरेशन के बाद खुलीं, अब उसकी दृष्टि का विकास संभव
सरगांव (मुंगेली) के साहू परिवार की 20 दिन की बच्ची जन्म से ही जुड़ी पलक (Ankyloblepharon) की दुर्लभ अवस्था से पीड़ित थी। इस स्थिति में नवजात की दोनों पलकें किनारों से आपस में चिपकी रहती हैं, जिससे उसकी आँखें पूरी तरह नहीं खुल पातीं और प्रकाश तक नहीं पहुँच पाता। चिकित्सकों के अनुसार यदि समय रहते ऑपरेशन न किया जाता, तो बच्ची पूर्ण अंधत्व के जोखिम में रहती।
सिम्स नेत्र विभाग की सर्जन डॉ. प्रभा सोनवानी, डॉ. आरुषि और डॉ. श्रद्धा की टीम ने इस जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के बाद बच्ची की पलकें सामान्य रूप से खुलने लगी हैं और अब उसकी आँखों में प्रकाश पहुँच रहा है, जिससे प्राकृतिक दृष्टि का विकास संभव हो सकेगा। इस प्रक्रिया में नर्सिंग स्टाफ संदीप कौर, सुनीति चंचल और लक्ष्मी का भी अहम योगदान रहा।
सिम्स के अधिष्ठाता डॉ. रमणेश मूर्ति ने कहा, “जन्मजात जुड़ी पलक का ऑपरेशन अत्यंत चुनौतीपूर्ण था। हमारी नेत्र टीम ने उच्च दक्षता और संवेदनशीलता के साथ बच्ची की दृष्टि बचाने में सफलता पाई। यह सिम्स के लिए गर्व का क्षण है।”
सिम्स के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने कहा, “हमारी टीम जटिल और संवेदनशील शल्यक्रियाओं में निरंतर सफलता हासिल कर रही है। इस दुर्लभ ऑपरेशन में विशेषज्ञता ने संस्थान की क्षमता और प्रतिबद्धता को उजागर किया है। नेत्र विभाग की टीम को इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई।”
प्रभारी अधिष्ठाता डॉ. अर्चना सिंह ने बताया, “Ankyloblepharon जैसी जन्मजात विकृति का समय पर उपचार न मिलने पर बच्चा जीवनभर दृष्टिबाधित हो सकता है। सिम्स में उपलब्ध उन्नत सुविधाएँ और प्रशिक्षित टीम ऐसे मामलों में शीघ्र एवं सुरक्षित उपचार सुनिश्चित करती हैं।”
विभागाध्यक्ष डॉ. सुचिता सिंह ने कहा, “बच्ची की पलकें जुड़ी होने के कारण उसकी दृष्टि पर असर पड़ रहा था। समय पर की गई शल्यक्रिया के बाद अब उसकी आँखों में प्रकाश सामान्य रूप से पहुँच रहा है। यह कदम बच्ची की दृष्टि बचाने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है।”
यह सफलता न केवल बच्ची और उसके परिवार के लिए राहत और उम्मीद लेकर आई है, बल्कि सिम्स नेत्र विभाग की विशेषज्ञता और संवेदनशीलता का भी प्रतीक बन गई है।