
बलरामपुर के खजुरीपारा गांव में टीम की चेतावनी के बावजूद की गई शादी, बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत होगी कानूनी कार्रवाई

यश विश्वकर्मा @ रायपुर/अम्बिकापुर। बलरामपुर जिले में बाल विवाह रोकने के लिए प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। बावजूद इसके, समझाइश के बाद भी नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है। बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत बलरामपुर विकासखंड के ग्राम खजुरीपारा में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी ने बताया कि 26 अप्रैल 2025 को खजुरीपारा क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना मिली थी। इस पर विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को विवाह रोकने की समझाइश दी। लेकिन 3 मई को फिर से बाल विवाह की सूचना मिली, और जांच में पाया गया कि बारात रवाना हो चुकी थी। यह अधिनियम की धारा 11 का उल्लंघन है, जिसमें पहले से दी गई समझाइश के बावजूद विवाह कराया गया।
गांव पिपरौल में भी मिला बाल विवाह का मामला
इसी प्रकार ग्राम पिपरौल में भी बाल विवाह की सूचना मिलने पर टीम ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाइश दी। वहां बालिका के माता-पिता बालिग होने के बाद ही विवाह करने पर सहमत हो गए।
दो साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान
महिला एवं बाल विकास अधिकारी ने बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत यदि कोई व्यक्ति बाल विवाह करवाता है, उसमें सहयोग करता है या उसे बढ़ावा देता है तो उसे दो साल तक की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
1098 पर दें सूचना
अधिकारियों ने अपील की है कि यदि किसी को भी बाल विवाह की जानकारी मिलती है तो तुरंत चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर इसकी सूचना दें, ताकि समय रहते कार्रवाई की जा सके।