“अभी नहीं बेटी की शादी… पहले पढ़ाई, फिर विदाई”… नाबालिग की शादी रोककर प्रशासन ने बचाया भविष्य

बाल विवाह के खिलाफ छेड़ी सख्त मुहिम

शादी घर में पहुंची प्रशासन की टीम, रुकवाया गया विवाह

यश विश्वकर्मा/रायपुर। जिले के उरला थाना क्षेत्र में बाल विवाह की सूचना पर जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक नाबालिग बालिका का विवाह रुकवाया। जानकारी मिलते ही प्रशासन ने महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस और चाइल्ड लाइन की संयुक्त टीम गठित कर मौके पर पहुंचकर बाल विवाह की प्रक्रिया को तत्काल प्रभाव से रोक दिया।
प्रशासन ने परिजनों को बाल विवाह अधिनियम 2006 की जानकारी दी और कड़ी चेतावनी दी कि नाबालिग की शादी करना कानूनन अपराध है, जिसकी सजा का प्रावधान है। बालिका को काउंसलिंग के लिए चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

अक्षय तृतीया पर प्रशासन की तगड़ी निगरानी
30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पर्व पर संभावित बाल विवाहों को रोकने के लिए जिला प्रशासन सतर्क है। ऐसे अवसरों पर बाल विवाह की संभावनाओं को देखते हुए व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
प्रशासन ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शादी से जुड़ी सेवाएं देने वाले – जैसे मैरिज हॉल संचालक, टेंट हाउस, कैटरर्स, बैंड-बाजा पार्टी और पंडित-मौलवी – यह सुनिश्चित करें कि वर-वधु दोनों ही बालिग हों। नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित पक्षों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

कानून है सख्त
बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत लड़की की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष और लड़के की 21 वर्ष तय की गई है। इस कानून का उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना और जेल दोनों का प्रावधान है।

प्रशासन ने की लोगों से अपील
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सामाजिक जिम्मेदारी निभाते हुए बाल विवाह की जानकारी तुरंत पुलिस या चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर दें, ताकि समय रहते ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।