154 साल पुराना श्रीराम सीता हनुमान मंदिर: साल में केवल दशहरे पर खुलते हैं पट, भक्तों की मन्नतें होती हैं पूरी!

दशहरे के दिन 1 किलोमीटर लंबी लाइन, नीम के पेड़ से निकलीं मूर्तियां और प्रतिमा स्पर्श से जुड़ी खौफनाक कहानियां

जूना बिलासपुर हटरी चौक स्थित श्रीरामसीता हनुमान मंदिर

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले जूना बिलासपुर हटरी चौक स्थित श्रीरामसीता हनुमान मंदिर जो 154 वर्ष पुराना है। हर साल केवल दशहरे के दिन ही खुलता है। सालभर इस मंदिर के दरवाजे बंद रहते हैं, और भक्तों को इस एक दिन का बेसब्री से इंतज़ार रहता है। दशहरे के दिन मंदिर का पट शाम 6 बजे से लेकर रात 9 बजे तक खुलता है। जिससे भक्तों की आस्था का उत्सव मनाने का मौका मिलता है।

लंबी कतारें और भक्तों की भीड़
दशहरे के दिन भक्तों की लंबी लाइनें लग जाती हैं। दोपहर से ही भक्त कतार में लगकर अपनी बारी का इंतज़ार करते हैं। भक्त इस मंदिर में भगवान राम, माता सीता और हनुमान जी के दर्शन करने के लिए मुंबई, दिल्ली, मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश जैसे विभिन्न स्थानों से आते हैं। यहां आने वाले भक्तों का विश्वास है कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है। वह जरूर पूरी होती है। कई भक्त मन्नत पूरी होने के बाद दोबारा यहां आकर नारियल चढ़ाते हैं।

नीम के पेड़ के नीचे से निकलीं थी मूर्तियां
मंदिर के पुजारी बुद्धेश्वर शर्मा के अनुसार यह स्थान पहले एक नीम के पेड़ के लिए जाना जाता था। जब वह पेड़ गिर गया, तो उसकी जड़ों से भगवान श्रीराम, माता जानकी और हनुमान जी की मूर्तियां प्रकट हुईं। इसी कारण भक्तों की श्रद्धा और विश्वास इस मंदिर में और बढ़ गया। पुजारी बताते हैं कि भक्त यहां नारियल बांधते हैं और मन्नत मांगते हैं, जो उनके लिए विशेष अर्थ रखता है।

धार्मिक मान्यताएं
इस मंदिर के साथ कई खौफनाक कहानियां भी जुड़ी हुई हैं। पुजारी शर्मा के अनुसार पहले जब भक्त मूर्तियों को स्पर्श करते थे, तो कई अप्रिय घटनाएं हुईं। इसी कारण से इस मंदिर के पट सालभर बंद रखने का निर्णय लिया गया है। भक्तों का मानना है कि दशहरे के दिन भगवान राम खुश रहते हैं और उनकी गलतियों को माफ कर देते हैं, इसलिए इस दिन ही मंदिर का पट खोला जाता है।

भक्तों की आस्था का प्रतीक

हटरी चौक स्थित श्रीरामसीता हनुमान मंदिर

दशहरे के दिन जब मंदिर खुलता है तो यहां एक अद्भुत आस्था का माहौल होता है। भक्तों की भीड़, उत्साह और विश्वास इस स्थान को एक अलग पहचान देते हैं। भक्त एक-दूसरे से अपनी मन्नतों के बारे में चर्चा करते हैं और भगवान से प्रार्थना करते हैं। यह दिन उनके लिए विशेष होता है। जब वे अपनी मनोकामना को भगवान के सामने रखते हैं।

एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल
श्रीराम सीता हनुमान मंदिर केवल स्थानीय भक्तों के लिए नहीं बल्कि देशभर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है। यहां आने वाले भक्त अपनी आस्था और विश्वास के साथ मन्नतें मांगते हैं। यह मंदिर हर साल केवल एक दिन खुलता है, और इसी में इसकी विशेषता और रहस्य है।
इस तरह 154 साल पुराना श्रीराम सीता हनुमान मंदिर आस्था, विश्वास और मन्नतों का प्रतीक बन गया है। यह हर भक्त के दिल में एक अद्वितीय स्थान रखता है और हर साल दशहरे पर केवल एक दिन खुलता है। जो इसे खास बनाता है। इस मंदिर की कहानी और इसकी आस्था भक्तों के लिए एक प्रेरणा स्रोत है, जो उन्हें अपनी मन्नतें पूरी करने के लिए प्रेरित करती है।