
कन्या पूजन के साथ सेवा का महोत्सव
12 वर्ष पहले सोमी कश्यप ने शुरू की थी यह पहल, आज 500 बच्चियों तक पहुंचा अभियान

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। नवरात्रि के पावन पर्व पर जहां देवी की आराधना और पूजा का विशेष महत्व है। वहीं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के युवा एक अनूठी पहल कर रहे हैं। बैमा-नगोई स्थित मां वैष्णव देवी मंदिर में आज बुधवार को नवरात्रि सप्तमी के शुभ अवसर पर 500 जरूरतमंद बच्चियों को नए वस्त्र भेंट किए जाएंगे। इस आयोजन की शुरुआत 12 साल पहले जूना बिलासपुर निवासी व सीएमडी के कॉलेज के पूर्व सोमी कश्यप ने की थी। जब उन्होंने 5 बच्चियों को फ्रॉक भेंट कर अपनी इस नेक पहल का आरंभ किया था। धीरे-धीरे इस अभियान ने एक बड़े सामाजिक कार्य का रूप ले लिया। जिसमें हर वर्ष सैकड़ों बच्चियों को नया वस्त्र और सम्मान मिलता है।
5 बच्चियों से अभियान की शुरुआत आज 500 तक पहुंच गई
सोमी कश्यप ने 12 साल पहले नवरात्र के दौरान देखा कि कई बच्चियों के पास त्योहारों में पहनने के लिए नए कपड़े नहीं होते। इसी भावना से प्रेरित होकर उन्होंने 5 बच्चियों को फ्रॉक भेंट की और तभी से यह अभियान शुरू हुआ। धीरे-धीरे अन्य युवा भी इस पहल से जुड़ते गए और आज यह टीम 500 बच्चियों को वस्त्र वितरण का आयोजन करती है। यह कोई साधारण आयोजन नहीं है बल्कि हर वर्ष जरूरतमंद बच्चियों के जीवन में खुशी और आत्मविश्वास भरने का एक अवसर है।
अभियान की खासियत : निजी योगदान, बिना चंदा होती है सेवा
इस अभियान की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें कोई भी चंदा नहीं लिया जाता। पूरी टीम अपने निजी योगदान से इस कार्य के लिए धन जुटाती है। अगर कोई स्वेच्छा से मदद करना चाहता है तो उसे स्वीकार किया जाता है। परंतु टीम के सदस्यों का उद्देश्य कभी किसी से धनराशि मांगना नहीं होता। यह उनके अपने प्रयास और योगदान से ही संभव हो पाता है कि हर वर्ष इतने बड़े स्तर पर इस तरह के आयोजन किए जाते हैं।
विधिवत कन्या पूजन और वस्त्र वितरण
वस्त्र वितरण कार्यक्रम में केवल कपड़े भेंट करने तक ही सीमित नहीं है। बल्कि यहां विधिवत कन्या पूजन भी होता है। बच्चियों के पैर गंगाजल, पानी और दूध से धोकर उनकी पूजा की जाती है। उन्हें टीका चंदन लगाया जाता है और प्रसाद स्वरूप भोजन के पैकेट वितरित किए जाते हैं। यह नवरात्र के दौरान कन्या पूजन की परंपरा को निभाते हुए बच्चियों को देवी स्वरूप मानकर सम्मानित करने का एक विशेष आयोजन है।
2023 के आयोजन 450 बच्चीयों को मिला था लाभ, 2024 में 500 बच्चियों का है लक्ष्य
इस वर्ष टीम का लक्ष्य 500 बच्चियों को नए वस्त्र भेंट करना है। हर वर्ष आयोजन का स्थान बदलता है। और इस बार यह बैमा-नगोई स्थित मां वैष्णव देवी मंदिर में हो रहा है। यहां सैकड़ों भक्त इस आयोजन में शामिल होंगे और देवी स्वरूप बच्चियों का पूजन करेंगे। पिछले वर्ष इस अभियान के तहत 450 बच्चियों को फ्रॉक वितरित किए गए थे, और इस बार यह संख्या बढ़ाकर 500 की जा रही है।
युवा टीम की भागीदारी
इस अभियान की सफलता के पीछे एक समर्पित युवा टीम का हाथ है। इसमें सोमी कश्यप के साथ राहुल साहू, दिलीप श्रीवास्तव, शशांक शर्मा, राकेश देवांगन, निखिल सोनी, विजय गुप्ता, गजेन्द्र श्रीवास, विवेक मिश्रा, विकास कौशिक, विजय ठाकुर, आशिफ खान, सागर कश्यप, ऋषि कश्यप, शुभम मिश्रा, अखिलेश कश्यप, नीरज जायसवाल, आयुष देवांगन, निधि दुबे, अखिल देवांगन जैसे युवा शामिल हैं। ये सभी लोग अपने-अपने स्तर पर इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
समाज में एक सकारात्मक संदेश
यह अभियान समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि त्योहार केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं होते। बल्कि इन्हें जरूरतमंदों की मदद और सेवा के रूप में भी मनाया जा सकता है। सोमी कश्यप और उनकी टीम का यह प्रयास न केवल बच्चियों के जीवन में खुशी लाता है, बल्कि समाज को यह दिखाता है कि छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं।