प्रदेश में गवाहों का खुराक भत्ता बढ़ा, रिटायर्ड ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश श्री तिवारी की पहल से मिली राहत

प्रदेश में गवाहों को अब 100 की जगह 300 रुपए का मिलेगा भत्ता, उच्च न्यायालय ने श्री तिवारी के पत्र पर की कार्रवाई

छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर

प्रदेश में गवाहों का खुराक भत्ता बढ़ा, रिटायर्ड ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश श्री तिवारी की पहल से मिली राहत

रिटायर्ड ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र तिवारी

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में अब अभियोजन पक्ष के गवाहों को अदालत में पेशी के दौरान 100 रुपए की बजाय 300 रुपए का खुराक भत्ता मिलेगा। यह महत्वपूर्ण फैसला रिटायर्ड ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेन्द्र तिवारी की अथक कोशिशों का परिणाम है। श्री तिवारी ने न्यूनतम भत्ते के महत्वपूर्ण मामले को छत्तीसगढ़ शासन के विधि विभाग और प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री अरुण साव के समक्ष उठाया था।
वर्तमान में अदालत में गवाहों को पेशी के दौरान 100 रुपए का खुराक भत्ता दिया जा रहा था, जो न्यूनतम मज़दूरी अधिनियम 1948 के तहत अकुशल कृषि मजदूर को मिलने वाली दैनिक मजदूरी से भी कम था। श्री तिवारी ने 1 फरवरी 2024 को छत्तीसगढ़ शासन के विधि विभाग को पत्र लिखकर भत्ते की दर को पुनरीक्षित करने की मांग की थी। उन्होंने अपने पत्र की एक प्रति उप-मुख्यमंत्री अरुण साव को भी भेजी थी। श्री तिवारी ने गवाहों की कठिनाइयों को रेखांकित करते हुए कहा था कि यह राशि न केवल अत्यधिक कम है, बल्कि उनके अदालती कर्तव्यों के दौरान आने वाली आर्थिक चुनौतियों को भी दूर करने में नाकाफी है।
रिटायर्ड ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश श्री तिवारी के इस पत्र को गंभीरता से लेते हुए विधि विभाग ने इसे उचित कार्यवाही के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय को भेज दिया। उच्च न्यायालय ने इस मुद्दे पर गौर किया और गवाहों के हितों को ध्यान में रखते हुए 26 सितंबर 2024 को राजपत्र में खुराक भत्ता 100 रुपए से बढ़ाकर 300 रुपए करने का निर्णय लिया। इस फैसले के बाद गवाहों को उनकी सेवाओं के लिए उचित मुआवजा मिल सकेगा। श्री तिवारी की इस लोकहित पहल से प्रदेश के गवाहों के भत्ते में हुई इस वृद्धि की अदालती गलियारों में सराहना हो रही है। इस फैसले से गवाहों की आर्थिक परेशानियों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है।