फर्जी CBI अफसर बनकर महिला डॉक्टर से 60 लाख रुपए की ठगी, ‘ड्रग्स पार्सल’ का दिया झांसा

रेंज साइबर थाना में हुई शिकायत, जांच में जुटी पुलिस

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यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले की एक महिला चिकित्सक से 60 लाख रुपये की साइबर ठगी का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जालसाजों ने खुद को CBI अधिकारी बताकर महिला डॉक्टर को ड्रग्स तस्करी में फंसाने की धमकी दी और फिर डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाकर उनसे बड़ी रकम वसूल ली। महिला ने रेंज साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

ठगों ने ऐसे लिया महिला डॉक्टर को झांसे में
जांजगीर-चांपा जिले के हसौद निवासी डॉ. विशाखा डे जो कि एक स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं उसे एक अनजान नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने खुद को CBI अधिकारी बताया और दावा किया कि डॉक्टर ने दुबई में एक पार्सल भेजा है, जिसमें ड्रग्स पाए गए हैं। इस मामले में पहले ही दो लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। कॉल करने वाले ने डॉक्टर को बताया कि उनका बैंक खाता भी इस अवैध धंधे से जुड़े पैसों से भरा हुआ है, जिससे उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

डिजिटल गिरफ्तारी और पूछताछ
डॉक्टर ने तुरंत इन आरोपों को खारिज कर दिया। लेकिन ठग ने उन्हें डिजिटल गिरफ्तारी का डर दिखाया। उसने डॉक्टर से वीडियो कॉल के माध्यम से पूछताछ की और कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) उनके बैंक खाते की जांच करेगा। इसके लिए ठगों ने डॉक्टर से कहा कि वह अपने खाते में जमा 60 लाख रुपये RBI के बताए खाते में ट्रांसफर कर दें। जालसाजों ने आश्वासन दिया कि यह सिर्फ एक जांच की प्रक्रिया है और एक घंटे के भीतर उनके पैसे वापस कर दिए जाएंगे।

ठगों की चाल में फंसी डॉक्टर
जालसाजों की बातों पर विश्वास करते हुए डॉ. विशाखा डे ने अपने खाते से 60 लाख रुपये ठगों द्वारा बताए गए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए। पैसे मिलने के बाद ठगों ने डॉक्टर से संपर्क करना बंद कर दिया। जब डॉक्टर को कुछ घंटों तक कोई जवाब नहीं मिला, तो उन्हें संदेह हुआ और उन्होंने यह बात अपने परिवार के सदस्यों से साझा की। तब जाकर उन्हें अहसास हुआ कि वे एक बड़ी ठगी का शिकार हो चुकी हैं।

पुलिस में की शिकायत, जांच में जुटी पुलिस
महिला डॉक्टर ने तुरंत इस मामले की जानकारी स्थानीय थाने में दी। पुलिस ने प्रारंभिक जांच के बाद मामला रेंज साइबर थाने को सौंपा। जहां ठगी की शिकायत दर्ज की गई। डॉक्टर की शिकायत पर पुलिस ने आईटी एक्ट और धोखाधड़ी से संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया है।
साइबर थाना पुलिस अब ठगों के मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी के आधार पर जांच को आगे बढ़ा रही है। पुलिस का कहना है कि ठगों ने काफी पेशेवर तरीके से इस अपराध को अंजाम दिया है, जिसमें कई तकनीकी पेचीदगियों का इस्तेमाल किया गया है।

साइबर ठगी के बढ़ते मामले
बिलासपुर क्षेत्र में इस तरह की साइबर ठगी की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। ठग नए-नए तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसा रहे हैं। खासकर पढ़े-लिखे और प्रतिष्ठित लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। पुलिस लगातार लोगों को साइबर ठगी से सतर्क रहने की सलाह दे रही है, लेकिन इसके बावजूद ऐसे मामलों में कमी नहीं आ रही है।

पुलिस की अपील
साइबर थाना पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी को इस प्रकार की संदिग्ध कॉल आती है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें और किसी भी अज्ञात खाते में पैसे ट्रांसफर न करें। पुलिस का कहना है कि ठगों का नेटवर्क काफी व्यापक हो सकता है और वे फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर लोगों को आसानी से धोखा देते हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों को पकड़ने की उम्मीद है। साइबर अपराधियों की पहचान और पकड़ के लिए पुलिस तकनीकी जांच और बैंक ट्रांजैक्शन की निगरानी कर रही है।

सतर्क रहें और सुरक्षित रहें
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि साइबर अपराधियों के जाल से बचने के लिए सतर्कता बेहद जरूरी है। डॉक्टर विशाखा डे का मामला इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार ठग तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल कर लोगों को झांसे में लेकर बड़ी ठगी कर सकते हैं।