शिवसेना महिला इकाई ने शहर की समस्याओं पर उठाई आवाज, निगम आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

मूलभूत सुविधाओं की कमी और ग्राम पंचायतों के साथ भेदभाव पर जताई नाराजगी, 15 दिन में समाधान की मांग

शिवसेना महिला सेना टीम पहुंची निगम कार्यालय

यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। शिवसेना शिंदे छत्तीसगढ़ की महिला सेना इकाई ने शुक्रवार को वार्ड नंबर 48 मोपका की मूलभूत समस्याओं को लेकर नगर निगम आयुक्त को ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में क्षेत्र की सड़कों, नालियों और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की गई। ज्ञापन देने वाली टीम में प्रमुख रूप से महिला इकाई की सदस्य और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।

निगम आयुक्त को ज्ञापन देते शिवसेना महिला सेना की टीम

ज्ञापन में यह भी कहा गया कि मोपका सहित अन्य ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल तो किया गया है, लेकिन उन्हें नगर निगम जैसी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। इन क्षेत्रों से नियमित रूप से नगर निगम के विभिन्न करों की वसूली की जा रही है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर उन्हें उपेक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
मोपका क्षेत्र में घरों के नक्शे भी पास नहीं हो रहे हैं, जिससे स्थानीय लोगों को अपने निर्माण कार्यों में अड़चनें आ रही हैं। इन मुद्दों पर स्थानीय लोगों की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए महिला इकाई ने निगम आयुक्त से तुरंत कार्रवाई की मांग की है। ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि इन समस्याओं का समाधान 15 दिनों के भीतर किया जाए, अन्यथा शिवसेना आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में शिवसेना के जिला प्रमुख नवीन यादव, प्रदेश प्रचार सचिव संतोष कौशल, जिला उप प्रमुख अशोक निषाद, नगर प्रमुख कमलेश गुप्ता और महिला सेना से संगीता सोनी, सोनिया कौशल, सुषमा साहू, अलका सिंह, संतोषी मरकाम, रोहिणी कश्यप, निक्की भोई समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे।
शिवसेना की महिला इकाई ने स्पष्ट किया कि ग्राम पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने का उद्देश्य बुनियादी सुविधाओं का विस्तार करना था, लेकिन वास्तविकता इसके विपरीत है। ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को नगर निगम से जो उम्मीदें थीं, वे पूरी नहीं हो रही हैं। महिला इकाई ने चेतावनी दी कि अगर तय समय सीमा में इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो पार्टी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करेगी।
ज्ञापन सौंपते समय महिला इकाई की सदस्याओं ने नगर निगम से तुरंत कदम उठाने का आग्रह किया ताकि स्थानीय लोग राहत महसूस कर सकें और बुनियादी जरूरतों के लिए संघर्ष न करना पड़े।