
यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। शहर के व्यस्ततम रिवर व्यू रोड पर सोमवार शाम को एक नाबालिग द्वारा लापरवाही से कार चलाने का खौफनाक नजारा सामने आया। यह हादसा तब हुआ जब एक नाबालिग ने तेज रफ्तार में कार चलाते हुए जिले के पुलिस कप्तान रजनेश सिंह की गाड़ी को टक्कर मार दी। घटना के बाद भी उसकी लापरवाही कम नहीं हुई। नाबालिग ने अपनी कार को रफ्तार से भगाते हुए आगे कई अन्य वाहनों, मवेशियों और यहां तक कि एक महिला और एक पुलिसकर्मी को भी टक्कर मार दी।
घटना के तुरंत बाद, वहां मौजूद स्थानीय लोग नाबालिग की कार का पीछा करने लगे, लेकिन वह लिंगियाडीह क्षेत्र में गाड़ी समेत गायब हो गया। हालांकि, सतर्क नागरिकों ने तुरंत कोतवाली पुलिस को सूचित किया और नाबालिग की कार का नंबर और तस्वीरें मुहैया कराईं। इन सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए नाबालिग और उसके पिता को हिरासत में ले लिया।
इस मामले को लेकर एक और चौंकाने वाला पहलू सामने आया जब नाबालिग के पिता ने पुलिस के सामने अपने बेटे की गलती को छिपाने की कोशिश की। उन्होंने खुद को घटना के समय कार का चालक बताया। हालांकि, घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने स्पष्ट रूप से देखा था कि कार नाबालिग ही चला रहा था। इसके आधार पर पुलिस ने नाबालिग और उसके पिता के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।
पुलिस ने नए मोटर वाहन अधिनियम के तहत नाबालिग के पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस अधिनियम के अनुसार, यदि कोई नाबालिग वाहन चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो उसके अभिभावक को भी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है। इस मामले में, पुलिस ने न केवल नाबालिग पर, बल्कि उसके पिता पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए वैधानिक कार्रवाई की है।
यह घटना न केवल एक गंभीर लापरवाही का मामला है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने पर कड़ी निगरानी और जागरूकता की आवश्यकता है। इस तरह की घटनाओं से न केवल संपत्ति को नुकसान पहुंचता है, बल्कि यह लोगों की जान के लिए भी खतरा बन जाती है। पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अन्य लोगों के लिए एक सख्त संदेश दिया है कि कानून का उल्लंघन करने पर कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।