
यश विश्वकर्मा @ बिलासपुर। बुधवार को शिवसेना शिंदे छत्तीसगढ़ की तखतपुर विधानसभा इकाई द्वारा तखतपुर क्षेत्र में मौजूद शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की दयनीय स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए अनुविभागीय अधिकारी (एसडीएम) और तखतपुर शिक्षा अधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में स्कूल की जर्जर छत और भवन की मरम्मत की मांग प्रमुखता से उठाई गई।
ग्राम पंचायत घोरामार के स्कूल की स्थिति खराब
तखतपुर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत घोरामार में स्थित शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की स्थिति वर्तमान में अत्यंत जर्जर हो चुकी है। स्कूल की छत से बारिश के मौसम में पानी रिसाव होता है, और कई बार छत का प्लास्टर गिर चुका है। जिससे स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और उनके अभिभावकों में चिंता बनी रहती है। बारिश के दौरान पानी का रिसाव होने के कारण कक्षाओं में अध्ययन अध्यापन का कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। पालकों का मानना है कि ऐसी स्थिति में बच्चों का स्कूल जाना उनके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
शिक्षा हो रहा बाधित, सुरक्षा पर उठ रहे सवाल
इस गंभीर स्थिति ने न केवल स्कूल में पढ़ाई-लिखाई को बाधित किया है, बल्कि बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। शिवसेना शिंदे के प्रतिनिधियों का कहना है कि अगर समय पर इन समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो यह स्थिति और भी भयावह हो सकती है। बच्चे स्कूल जाने से डरने लगे हैं, और इससे उनका शैक्षिक विकास प्रभावित हो रहा है।
ज्ञापन सौंपने वालों में ये रहे उपस्थित
इस ज्ञापन सौंपने की पहल बिलासपुर जिला प्रमुख नवीन यादव के निर्देशानुसार की गई। ज्ञापन देने वाले शिवसैनिकों में नीलमणि कौशिक (जिला उपाध्यक्ष), राजू साहू (जिला कार्यकारिणी सदस्य), द्वारिका वस्त्रकर (जिला कार्यकारिणी सदस्य), बलराम कौशिक (जिला कार्यकारिणी सदस्य), अनिल कौशिक (वरिष्ठ सदस्य), उमेश साहू (तखतपुर विधानसभा उपाध्यक्ष), परमेश्वर साहू, नानू क्षत्रिय, और पुन्नी लाल साहू सहित अन्य प्रमुख शिव सैनिक उपस्थित थे।
तत्काल समाधान की गई मांग
शिवसेना के प्रतिनिधियों ने एसडीएम और शिक्षा अधिकारी से इस जर्जर स्थिति का तुरंत समाधान करने की मांग की है, ताकि बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा बाधित न हो। उन्होंने जोर दिया कि शाला भवन की मरम्मत और सुधार कार्य तुरंत शुरू किया जाए ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचा जा सके।
शिवसेना के नेताओं का कहना है कि यह केवल एक स्कूल की समस्या नहीं है, बल्कि पूरे क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था पर असर डाल रही है। उनका मानना है कि सरकार और प्रशासन को इस ओर ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षा में किसी भी तरह की बाधा उत्पन्न न हो।
शिवसेना शिंदे के इस कदम से तखतपुर क्षेत्र की शिक्षा व्यवस्था की गंभीर समस्याओं पर ध्यान आकर्षित हुआ है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस दिशा में क्या ठोस कदम उठाता है, ताकि स्कूल की स्थिति सुधरे और बच्चों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण में पढ़ाई करने का अवसर मिले।