
# दैनिक लोकस्वर को नई दिशा देने वाले मनोज शर्मा को विदाई में मिला भरपूर सम्मान
# लोकस्वर के प्रधान संपादक अशोक अग्रवाल और डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने श्री शर्मा के योगदान की सराहना की

यश विश्वकर्मा @ रायपुर/बिलासपुर। संभाग के प्रतिष्ठित प्रभात हिंदी दैनिक लोकस्वर के संपादक मनोज शर्मा ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उनकी विदाई समारोहपूर्वक और ससम्मान की गई। मनोज शर्मा ने अपने कार्यकाल में लोकस्वर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया और उन्हें सात वर्षों तक प्रबंधन एवं संपादकीय दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
मनोज शर्मा का लोकस्वर से जुड़ाव 1979 से रहा है, और 12 अगस्त 2018 को उन्होंने अखबार की पुनः लॉन्चिंग की। उनके नेतृत्व में अखबार ने अपने पाठकों और सरकारी महकमों में एक मजबूत पहचान बनाई। उनकी रणनीति और नेतृत्व ने लोकस्वर को एक सशक्त और प्रभावशाली मीडिया मंच बना दिया।
विदाई समारोह प्रेस परिसर में आयोजित किया गया, जिसमें लोकस्वर के मुखिया और प्रधान संपादक अशोक अग्रवाल, लोकस्वर टीवी और सीसीएन के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल, और अन्य प्रमुख सदस्य शामिल हुए। इस अवसर पर अशोक अग्रवाल ने मनोज शर्मा की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि श्री शर्मा ने हमेशा पारिवारिक संबंध निभाया है और पूरी मेहनत से अखबार को इस मुकाम पर लाया है। उन्होंने श्री शर्मा से अनुरोध किया कि वे भविष्य में भी लोकस्वर परिवार से जुड़े रहें और लेखन करते रहें, ताकि उनके अनुभव और ज्ञान का लाभ मिलता रहे।
लोकस्वर टीवी और सीसीएन के डायरेक्टर अभिषेक अग्रवाल ने भी मनोज शर्मा की मेहनत की सराहना की और कहा कि उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। उन्होंने कहा कि मनोज शर्मा की कड़ी मेहनत और समर्पण ने लोकस्वर को अपनी पहचान बनाने में मदद की।
विदाई समारोह में मनोज शर्मा ने अपने भाषण में कहा कि “विकास के लिए परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जैसे पेड़-पौधों में पुरानी शाखाएं टूटकर नई शाखाएं और कोंपलें फुटती हैं, वैसे ही संस्थान और व्यक्ति के जीवन में भी परिवर्तन का महत्व है।” उन्होंने अपने साथियों को उत्साह और ऊर्जा के साथ काम करने की सलाह दी, और कहा कि वे भविष्य में भी लोकस्वर परिवार का हिस्सा बने रहेंगे।
अशोक अग्रवाल ने मनोज शर्मा को शाल, श्रीफल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। इस प्रकार, लोकस्वर परिवार ने मनोज शर्मा को एक गरिमापूर्ण विदाई दी और उनके योगदान को मान्यता प्रदान की। इस विदाई के साथ ही लोकस्वर ने अपने इतिहास के एक महत्वपूर्ण अध्याय को समाप्त किया और नए मार्ग की ओर अग्रसर होने की तैयारी की।