

बिलासपुर। मस्तूरी एकीकृत महिला एवं बाल विकास परियोजना के लोहर्सी एवं दर्रीघाट सेक्टर में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों की वसूली से पूरा सेक्टर सहम गया है। यही कारण है कि केंद्र की महत्वाकांक्षी योजनाओं और लाभार्थी 3 वर्ष, 3 से 6 वर्ष, गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं तथा कुपोषित बच्चों को पोषणहार वितरण में काटा मारना आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मजबूरी बन गई है। ताजा मामला लोहर्सी व दर्रीघाट सेक्टर का है जहां आंगनबाड़ी पर्यवेक्षकों की वसूली से से पूरा सेक्टर सहमा हुआ है। मिली जानकारी के अनुसार इन सुपरवाइजरों द्वारा क्षेत्र में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओ से धमकी चमकी देकर योजनाओं पर पलीता लगवाने का काम किया जा रहा है, जिसकी मुख्य वजह केवल आर्थिक लाभ है। धन कमाने के जुनून में सुपरवाइजर गरीब, कुपोषित के हितों के साथ भी खिलवाड़ करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहीं है। सूचना तो यह भी है कि इन सुपरवाइजरों की पहुंच सुपर से उपर तक है जिनसे पंगा लेने की हैसियत क्षेत्र के परियोजना अधिकारी की भी नहीं है। इसी मजबूरी कें कारण परियोजना अधिकारी भी के इन्हे संरक्षण दे है। इतना ही नहीं ये सुपरवाइजर अपने आप को जिला कार्यक्रम अधिकारी के करीबी भी बताते है। जिसके पीछे कुछ तथ्य भी दिए जा रहे है। जो अधिकारियों से सुपरवाइजर की नजदीकी को पुख्ता करने के लिए काफी है, जिसमे लिमतरा में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की शिकायत और एक दूसरे गांव की महिला समिति की आर्थिक अनियमितता की शिकायत के बाद भी कोई कार्यवाही न होना और उल्टा उन्हें क्लीन चिट देकर अभयदान देना है। इसके साथ कई मौखिक व लिखित शिकायतों का पुलिंदा है जिसपर कार्यवाही लंबित है। फिलहाल ये सुपरवाइजर जबरदस्त वसूली में लगे है। इतना ही नहीं बात नहीं मानने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बकायदा मानसिक प्रताड़ना व परेशान करने के लिए इस से एक हथकंडे अपनाया जा रहा है। अकारण दौरा कर जबरन कार्यवाही और कार्यकर्ताओ का देयक भी ये सुपरवाइजर कटौती कर रहे है । जिसके चलते कार्यकर्ताओ में काफी आक्रोश है। अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने भी बड़े स्तर पर शिकायत कर आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिए है।
लंबे समय से एक ही क्षेत्र में जमे है सुपरवाइजर
मस्तूरी क्षेत्र में कुछ ऐसी सुपरवाइजर भी हैं, जो लंबे समय से एक ही क्षेत्र में जमे है। जबकि नियमानुसार 3 साल में एक अधिकारी को बदलने का प्रावधान है, इसके बावजूद विभाग से साठगांठ कर यह सुपरवाइजर एक ही क्षेत्र में जमे हुए है। और वसूली कर अपने आकाओं तक चढ़ावा लेकर पहुंच रहे है।