

बिलासपुर। प्रदेश में सरकार किसी भी राजनीतिक दल की रहे पर व्याख्याता को अफसर बनने का ऐसा भूत सवार रहा है राज्य में 15 वर्ष भाजपा और पांच वर्ष कांग्रेस राज में जुगाड़ से अधिकारी बनकर मजे करते रहे। लेकिन इस बार भाजपा की सरकार बनने के बाद इस अधिकारी पर निलंबन की गाज आखिरकार गिर ही गई। हालांकि जिस ब्लॉक के अफसर रहे वहां के वर्तमान विधायक से बरसों पुराने ताल्लुक़ात की दुहाई देते नहीं थकते रहे है पर वे माननीय भी उनका निलंबन नहीं रोक पाए।
दूसरों का भविष्य बताने वाले खुद का भविष्य नहीं जान सके…
बिल्हा के निलंबित बीईओ की अफसरी के अलावा एक और खासियत है कि वे हर व्यक्ति का भविष्य बताने में मशगूल रहते है। इस भविष्यवक्ता बाकायदा तीन सवाल के लिए 151 रुपए का शुल्क लेते है। इसके अलावा कुंडली बनाने, तंत्र-मंत्र, वशीकरण करने समेत अन्य वगैरह का कार्य भी करते है। ऐसे कार्यों का शुल्क सामने वाले व्यक्ति की हैसियत और पद के हिसाब से निर्धारित हैं। जहां पर इस निलंबित अफसर का हित सधता दिखता है, वहां वे उक्त विधाओं का नि:शुल्क और घर पहुंच सेवा करने में भी कदम पीछे नहीं हटाते है। लेकिन इस बार इस बहुमुखी अफसर का कोई तंत्र काम नहीं आ सका। वे अपना ही भविष्य नहीं जान सके और अपने पदीय कार्य में घोर लापरवाही की वजह से निलंबित हो गए।
ये है निलंबन के तीन कारण…
अलग-अलग तीन मामलों में लापरवाही बरतने वाले बिल्हा बीइओ आरएस राठौर को डीपीआई सुनील कुमार जैन ने निलंबित कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार पूर्व में दो दोमुहनी प्राथमिक शाला में मध्यान्ह भोजन वितरण के दौरान खीर में जलने के मामले में लापरवाही बरता गया था। वही आदर्श आचार संहिता के दौरान विकासखण्ड बिल्हा में कार्यरत क्रांति साहू, शहरी स्त्रोत समन्वयक, बिलासपुर द्वारा राजनीतिक पार्टी विशेष के लिए चुनाव प्रचार करने एवं आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन किए जाने पर क्रांति साहू को निलंबित किया गया था। विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बिल्हा आरएस राठौर द्वारा क्रांति साहू को निलंबन आदेश नहीं देने और निलंबन के पश्चात् भी उन्हें लगभग 04 माह तक उपस्थिति प्रदान किए जाने का दोषी पाया गया है। साथ ही विकासखण्ड बिल्हा के अंतर्गत कई प्राथमिक/ माध्यमिक शाला के जर्जर भवन में छात्रों के अध्यापन कराए जाने की घटना को लेकर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। उक्त मामले में अपने कार्यक्षेत्र में नियमित स्कूलों के अवलोकन और निरीक्षण नहीं करने के कारण युक्तिस्थिति निर्मित होने की बात सामने आई थी। इन सभी मामलों के मध्य नजर डीपीआई सुनील कुमार जैन ने बीआर एस राठौर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है जहां उन्हें बिलासपुर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में अटैच किया गया है।